________________
अररररर
जिओ । भणइ य वसणा राओ तहाढगवलिं गहेऊण ॥ ९७॥ सोयं भूयं उठेइ जत्थ अट्टालगाइठाणेसु । तस्स मुहम्मिा लाहिजा कर तह चेव विहियम्मि ॥ ९८॥ जाओ असिवोवसमो लद्धो उ वरो चउत्थमो तत्तो। चिंतइ अभओ किच्चिरमच्छीहामो परगिहम्मि ॥ ९९ ॥ मग्गइ पुव्वुवलद्धेवरे निवाओ जहानलगिरिम्मि। तुम्भेसु मिंठभावंगएस देवीए उच्छंगे॥१०॥ रहअग्गिभीरुदारुयभारेण जलणं विसामिच्छा। अस्थि ममं तो कीरउ निवहणं निययवयणस्स ॥१०॥ नियठाणमिच्छइ इमो गंतुं इइ भाविऊण काऊण । सक्कारमइमहंतं विसजिओ तेण तो अभओ ॥ १०२ ॥ अह भणइ इमो धम्मच्छलेण तुम्भेहिं आणिओ हमिहं। काउंदीवगमाइचमारडतो जइ न नेमि ॥१०३॥ नयरीलोयसमक्खं वंधे अभयनामगो संतो। तुम्भे ता जलणमुहे पविसामी कयपइन्नो सो॥ १०४॥ पत्तो रायगिहपुरे ठिओ य दिवसाणिकइवयाणि तहि। अप्पसमागाराओ दो गणियादारिया घेत्तुं ॥१०५॥ पत्तो उज्जेणीए पडिगाहियवणियवयणनेवच्छो। पारद्धमपुवकयाणगाण निउणं च वाणिजं ॥१०६॥ गिण्हइ रायपहोगाढमेगमाचारिममरिसारूढो । अन्नदियहम्मि ताओ गणिया धूयाओ नरवइणा ॥ १०७॥ दिवा अवलोयणसंठियाओ सविसेसगहियवेसाओ। निज्झाइओ य मुचिरं दिबीहिं विसालधवलाहि ॥ १०८॥ अंजलिबंधो य कओ तच्चित्तागरिसमंतसारिच्छो । तदभिमुहं खित्तमणो गओ य सो नियगभवणम्मि ॥१०९॥ परदारलोलयाए दूई पेसेइ ताहिं कुवियाहिं । निद्धाडिया न राया इय चरिओ शाहोर सा भणिया ॥ ११०॥ वीयदिवसम्मि भणियं आरुसियाओ तइजए भणिया। सत्तमदिवसे अम्हं देवकुले होहि
ही जत्ता॥ १११॥ तत्थवि रहो भविस्सति भाया रक्खेइ इह रहा निच्चं । पज्जोयसमागारो मणुओ पज्जोयगो नाम
म.२७