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प्रश्न २- समुद्घात किसे कहते है ? ___ उत्तर-अपने मूल शरीरको न छोडकर और तेजसशरीर और कार्माणशरीरके देशो सहित आत्माके प्रदेशोका शरीरसे बाहर निकलना समुद्घात है ।
प्रश्न ३-समुद्घातके कितने प्रकार है ?
उत्तर--समुद्घातके ७ प्रकार है-(१) वेदनासमुद्घात, (२) कषायसमुद्घात, ३) विक्रियाममुद्घात, (४) मारणान्तिकसमुद्घात, (५) तैजससमुद्घात, (६) आहारकसमु. घात और (७) केवलिसमुद्घात ।
प्रश्न ४- वेदनासमुद्घात किसे कहते है ?
उत्तर- तीव्र वेदनाके कारण मूल शरीरको न छोडकर प्रात्मप्रदेशोका बाहर फैल जाना वेदनासमुद्घात है।
प्रश्न ५-इस समुद्घातसे क्या कोई लाभ भी होता है ?
उत्तर-वेदनासमुद्घातमे जो आत्मप्रदेश तैजसकार्माणशरीर सहित बाहर फैलते हैं यदि उनसे किसी औषधिका स्पर्श हो जाय तो वेदना शान्त हो सकती है । औषधिका स्पर्श ही हो, ऐसा नियम नही है । वेदनासमुद्घात तो तीव्रवेदनाके कारण हो जाता है ।
प्रश्न ६-वेदनासमुद्घातमे आत्मप्रदेश कितनी दूर तक फैल जाते है ?
उत्तर- देहप्रमाणसे तिगुने प्रमाण बाहर प्रदेश जाते है । वेदनासमुद्घोतसे प्रायः प्राणी शरोरसे निरोग हो जाया करते हैं । साता बेर
प्रश्न ७-कषायसमुद्घात किसे कहते है ?
उत्तर-तीव्र कषायका उदय हो जानेसे परके घातके लिये मूलशरीरको न छोडकर आत्मप्रदेशोका बाहर निकल जाना कपायसमुद्घात है।
प्रश्न ८-कषायसमुद्घातसे क्या परका घात हो जाता है ? उत्तर-इसका नि प्रश्न :-कपायसमुद्घातमे प्रात्मप्रदेश कितनी दूर तक फैल जाते है ? उत्तर- देहप्रमाणसे तिगुने प्रमाण बाहर प्रदेश जाते है। प्रश्न १०-विक्रियासमुद्घात किसे कहते है ?
उत्तर-शरीर या शरीरका अग बढानेके लिये अथवा अन्य शरीर बनानेके लिये आत्मप्रदेशोका मूल शरीर न छोडकर बाहर निकल जाना विक्रियासमुद्घात है ।
प्रश्न ११- विक्रियासमुद्घात किनके होता है ?
उत्तर-विक्रियासमुद्घात देव व नारकियोके तो होता ही है, किन्तु विकियाऋद्धि• धारी मुनीश्वरोके भी विक्रियासमुद्घात हो जाता है।
तक फैल जाते है ?