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________________ द्रव्यमग्रह-प्रश्नोत्तरी टीका प्रश्न ६६ - व्य तपदगे कितने प्रक्षर होते है? उत्तर-एक द्रव्य तगदमे १६६४८८८ अक्षर होते है । इन अक्षरोसे उत्पन्न हुए भावतको भी उपचार पदय तज्ञान नाम कहते है। प्रश्न ५०-पदगमास श्रुतमान फिर्म कहते हैं ? उत्तर- पनश्रुतमानस कार और सघातन तमानसे नीचे एक-एक अक्षर बढ़कर जितने भेद होते है ये मत्र पसमाग श्र तशाल कहलाते हैं। प्रश्न ७१-सपातपूतनान किसे कहते है ? उत्तर-उलट पदममागमे एक अक्षर बढनेपर सघानश्रु तज्ञान होता है । इसके द्वारा चार गतिमार्गरणामे गे एक गति मागंगारा प्रम्पण हो जाता है। प्रश्न ७२- मघातथ नशानमें कितने पद होते हैं ? उत्तर- सघात नजानमे सम्यान पद होते हैं ? प्रश्न ७३-मघातममास श्रतनान किसे कहते है? उत्तर-सघात तज्ञानसे ऊपर और प्रतिपत्तिश्रुतमानसे नीचे एक-एक अक्षर बढकर जितने भेद होते हैं वे मब सघातममास श्रुतज्ञान कहलाते हैं। प्रश्न ७४- प्रतिपत्ति तज्ञान किसे कहते हैं ? उत्तर-उत्कृष्ट मपातसमासमे एक अक्षर वढनेपर प्रतिपत्तिश्रुतज्ञान होता है । प्रतिपत्ति नज्ञानके पदोके द्वारा १४ मार्गणावोके एक-एक भेद प्ररूपित हो जाते हैं । प्रश्न ७५-प्रतिपत्तिगमाम श्रु तज्ञान किसे कहते है ? उत्तर-प्रतिपत्ति शुतज्ञानमे ऊपर और अनुयोग अनजानसे नीचे एक-एक अक्षर बढ कर जितने भेद होते हैं ये सब प्रतिपत्तिममास श्रुतज्ञान है। प्रश्न ७६.- अनुयोग श्रु तज्ञान किसे कहते हैं ? उत्तर-उत्कृष्ट प्रतिपत्तिसमासमे एक अक्षर वढनेपर अनुयोग श्रुतज्ञान हो जाता है । अनुयोगश्रुतज्ञानके पदो द्वारा १४ मार्गरणावोका पूर्ण प्ररूपण हो जाता है । प्रश्न ७७- अनुयोगसमास श्रुतज्ञान किसे कहते है ? उत्तर- अनुयोगच तज्ञानसे ऊपर और प्राभृत श्रुतज्ञानसे नीचे एक-एक अक्षर बढकर जितने भेद होते हैं वे सब अनुयोगसमास श्रुतज्ञान है। प्रश्न ७८- प्राभृतप्राभृत श्रुतज्ञान किसे कहते है ? उत्तर- उत्कृष्ट अनुयोगसमास श्रुतज्ञानमे एक अक्षर बढनेपर प्राभृतप्राभृत श्रुतज्ञान होता है। प्रश्न ७६- प्राभृतप्राभृत श्रुतज्ञानमे कितने अनुयोग है ?
SR No.010794
Book TitleDravyasangraha ki Prashnottari Tika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahajanand Maharaj
PublisherSahajanand Shastramala
Publication Year1976
Total Pages297
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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