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________________ १६० द्रव्यसग्रह-प्रश्नोत्तरी टोका विशुद्धिबलसे स्थितिवन्ध उत्तरोत्तर कम बाधता है । इन्ही कम स्थितिबन्धोके अवसरोमे १-१ करके ३४ बन्धापसरण होते है अर्थात उन प्रकृतियोकी जिनका निर्देश अभी किया जायगा बंधव्युच्छेद हो जाता है। प्रश्न १६- प्रथम बन्धापसरण किसका और कब होता है ? उत्तर-उक्त अन्त.कोडाकोडी सागरसे भी कम-कम बन्ध होते-होते जब शत पृथक्त्व सागर (३०० से ६०० सागरके वीच) कम बन्ध होने लगता है तब नरकायुका बन्धव्युच्छेद हो जाता है। प्रश्न १७-द्वितीय बन्धापसरण कब और किसका होता है ? उत्तर-प्रथम बन्धापरणमे होने वाले स्थितिबन्धसे कम कम बन्ध होते-होते जब शतपृथक्त्वसागर कम स्थितिवन्ध हो जाता है तब तिर्यगायुका बन्धव्युच्छेद हो जाता है । प्रश्न १५-तृतीय बन्धापसरण किसका और कब होता है ? उत्तर-द्वितीय बन्धापसरणमे होने वाले स्थितिवन्धसे कम कम बन्ध होते होते जब शतपृथक्त्व सागर कम स्थितिवन्ध हो जाता है तब मनुप्यायुका बन्धव्युच्छेद होता है । प्रश्न १६- चतुर्थ बन्धापसरण किसका और कव होता है ? उत्तर- तृतीय बन्धापसरणमे होने वाले स्थितिवन्धसे कम होते-होते जब शतपृथक्त्वसागर कम स्थितिबन्ध हो जाता है तब देवायुका बन्धव्युच्छेद हो जाता है । प्रश्न २०- पञ्चम बन्धापसरण किसका और कब होता है ? उत्तर- चतुर्थबन्धापसरणमे होने वाले स्थितिबधसे कम कम बध होते होते जब शतपृथक्त्वसागर कम स्थितिबन्ध हो जाता है तब नरकगति व नरकगत्यानुपूर्व्य- इन दोनो प्रकृतियोका एक साथ बन्धव्युच्छेद होता है। प्रश्न २१- षष्ठ बन्धापसरण किसका और कब होता है ? उत्तर- पञ्चम बन्धापसरणमे होने वाले स्थितिबन्धसे कम-कम बध होते-होते जब शतपृथक्त्वसागर कम स्थितिबन्ध हो जाता है तब परस्परसयुक्त सूक्ष्म, अपर्याप्ति व साधारण, इन तीन प्रकृतियोका एक साथ बधव्युच्छेद होता है। प्रश्न २२-- सप्तम बधापसरण किसका और कब होता है ? । उत्तर- षष्ठ बन्धापसरगामे होने वाले स्थितिबधसे कम-कम बध होते होते जब शतपृथक्त्वसागर कम स्थितिबध हो जाता है तब परस्परसयुक्त सूक्ष्म, अपर्याप्ति, प्रत्येक शरीर, इन तीन प्रकृतियोका एक साथ बधव्युच्छेद हो जाता है। प्रश्न २३- अष्टम बन्धापसरण किसका और कब होता है ? उत्तर- सप्तम बधापसरणमे होने वाले स्थितिबधसे कम बन्ध होते होते जब शतपृथ
SR No.010794
Book TitleDravyasangraha ki Prashnottari Tika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahajanand Maharaj
PublisherSahajanand Shastramala
Publication Year1976
Total Pages297
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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