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________________ १४२ द्रव्यमग्रह-प्रश्नोत्तरी टीका कहते है। प्रश्न १२७----आहारकशरीर बन्धननामकर्म किसे कहते है ? उत्तर- जिस कर्मके उदयसे आहारकशरीररूप परिणत हुए पुद्गलस्कधोंका जीत्रसवद्ध पुद्गलस्कधोके साथ परस्पर बन्धन हो उसे आहारकशरीर बन्धननामकर्म कहते है। प्रश्न १२८- तेजसशरीर बन्धननामकर्म किसे कहते है ? उत्तर-जिस कर्मके उदयसे तैजसशरीररूप परिणत हुए पुद्गलस्कंधोका जीवसबद्ध पुद्गलस्कधोके साथ परस्पर वन्धन हो उसे तैजसशरीर बन्धननामकर्म कहते है। . प्रश्न १२६- कार्माणशरीर बन्धननामर्म किसे कहते है ? । उत्तर--जिस कर्मके उदयसे कार्माणशरीररूप परिणत हुए पुद्गलस्कन्धोका जीवसबद्ध पुद्गलस्कन्धोके साथ परस्पर वन्धन हो उसे कार्माणशरीर बन्धननामकर्म कहते है। प्रश्न १३०- सघातनामकर्म किसे कहते है ? . उत्तर- जिस कर्मके उदयसे बद्धशरीर स्कन्धोका परस्पर छिद्ररहित सश्लेप हो उसे सघातनामकर्म कहते है। प्रश्न १३१ -प्रौदारिक शरीरसघातनामकर्म किसे कहते है ? उत्तर-जिस नामकर्मके उदयसे बद्ध औदारिक शरीरस्कन्धोका परस्पर छिद्ररहित सश्लेष हो उसे औदारिक शरीरसघातनामकर्म कहते है। प्रश्न १३२- वैक्रियकगरीर सघातनामकर्म किसे कहते हैं ? उत्तर- जिस नामकर्मके उदयसे बद्ध वैक्रियकशरीर स्कन्धोका परस्पर छिद्ररहित सश्लेष हो उसे वैक्रियकशरीर सघातनामकर्म कहते है। प्रश्न १३३--आहारकशरीर सघातनामकर्म किसे कहते है ? उत्तर- जिस नामकर्मके उदयसे बद्ध आहारकशरीर स्कन्धोका परस्पर छिद्ररहित सश्लेष हो उसे आहारकशरीर सघातनामकर्म कहते है। प्रश्न १२४- तैजसशरीर सघातनामकर्म किसे कहते है ? उत्तर-जिस नामकर्मके उदयसे बद्ध तेजसशरीर स्कधोका परस्पर छिद्ररहित सश्लेप हो उसे तैजसशरीर सघातनामकर्म कहते है। प्रश्न १३५-- काणिशरीर संघातनामकर्म किसे कहते है ? उत्तर- जिस कर्मके उदयसे बद्ध कार्माणशरीर स्कधोका परस्पर छिद्ररहित सश्लेष हो उसे कार्माणशरीर सघातनामकर्म कहते है। प्रश्न १३६- सस्थाननामकर्म किसे कहते है ? उत्तर- जिस कर्मके उदयसे शरीरका आकार बनता है उसे सस्थाननामकर्म कहते है ।
SR No.010794
Book TitleDravyasangraha ki Prashnottari Tika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSahajanand Maharaj
PublisherSahajanand Shastramala
Publication Year1976
Total Pages297
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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