SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 852
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३० त्रिपष्टिशलाका पुरुष-चरित्र मुख्य बात | ऋषभदेवली | अजितनाथजी । १०.शरीरमान ५० धनुष ४५० वनुष ११. आयुमान र लक्ष पूर्व ७२ लन पूर्व १२. शरीरका वर्ण सुवर्ण वर्ण सुवर्ण वर्ण १३. पदवी राजपदवी राजपदवी १४. विवाहित या अवि-विवाह हुआ विवाह हुआ वाहित १५ किवनोंके माय दीना ४००० साधु १२००० साधु १६. दीक्षानगरी विनीता अयोध्या २७. दीज्ञातप दो उपवास दो उपवास १८. प्रथम पारनेमें क्या | इरस परमान्न क्षीर ___ आहार मिला १६. पारनेका न्यान यांसके घर ब्रह्मदचके घर २०. कितने दिन एक वर्ष के बाद दो दिन के बाद बाद पारपा २१. दीनातिथि चैत्र वदी ८ माघ सुदी २२. नत्यनाल | १०० वर्ष १२ वर्ष २३. ज्ञान प्राप्ति स्थान पुस्मिताल अयोध्या २४.बानदप तीन उपवान दो उपवास २५. दीनान वट वृक्ष साल वृक्ष २६.ज्ञाननिधि फाल्गुन वदी १२ पाप वदी ११ २७. गणघरसंख्या रू. साधुआंकी संख्या 28000 १००००० २६. साध्वियांची संख्या ३३०००० .
SR No.010778
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Parv 1 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGodiji Jain Temple Mumbai
Publication Year
Total Pages865
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy