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...११६
५१ विलक-मतमें प्रमाणभूत गीता-श्लोकींकी समालोचना । ८२ तिलक-मतके षष्ट अङ्कका निराकरण २३. तिलक-मतके सप्तम अङ्कका निराकरण ८४ तिलक-मतके अष्टम अङ्कका निराकरण ८५ देशभक्त नवयुवकोंसे विनती ८६ तिलक-मतके नवम अङ्कका निराकरण ....१११. २७ उपसहार
...११२ मम त्याग-वैराग्यपर पूर्वपक्ष RE उक्त पूर्णपक्षका समाधान
...११६ ज्ञान १३५.१४६ ६० कर्मजन्य अपूर्व ज्ञानमें उपयोगी सामग्रीका जनक है १३५ ६१ मद्गुरु-महिमा
...१३५ १२ ज्ञानमें उपयोगी त्रिविध कृपा और विचार-महिमा ..१४३
सम-विधार १४०-२०७ १३ एक निर्षिकार कूटस्थ सत्ताके आश्रय ही अशेप
विकारोंका सम्भव है (अङ्क १-५) ...१४७ ६४ त्रिविध परिच्छेदोंकी अन्योऽन्याश्रयता (अङ्क ६-२६) १५१ ६५ कारण-कार्य-अभेद (अङ्क-२७-३८)
...१६४ १६ जाग्रत् व स्वप्नका अभेद् (अङ्क ३६-५२) ...१७३ १७ वशिष्ठ, वाचस्पति और एक जीववाद निरूपण तथा
उक्त तीनों मतोंकी परस्पर सङ्गति( अङ्क ५३-७०)१८७' पर उपसंहार
...२०५ परिशिष्ट भाग-मनको एकाग्रता और तत्सम्बन्धो
विभिन्न विचार व प्रार्थनाएँ