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अहम् स्वामी समन्तभद्र।
(इतिहास)
अर्थात् अनेक प्राचीन ग्रन्थों और शिलालेखों आदि परसे बहुत खोजके बाद योजना किया हुआ स्वामीसमन्तभद्रका पवित्र जीवनचरित्र, 'समय-निर्णय' और 'ग्रन्थ-परिचय'
नामक दो खास निबन्धों सहित ।
प्रयोनिक 'युगवीर' ६० जुगलकिशोर मुख्तार;
सरसावा, जिला सहारनपुर।
भूत सम्पादक 'जैनहितैषी और बजट
प्रकाशकजैन-ग्रन्थ-रत्नाकर कार्यालय । हीराबाग, पो० गिरगाँव, बम्बई ।
श्रावण वि० सं० १९८२; जुलाई सन् १९२५ ।
प्रथम संस्करण।