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________________ নদিয়া বা जाटा०३९, २५६ जूम १९९७ दानहग १९२ मुट ११५७ दुर १९ भगार ४८७ (अभिमागरमूरि नानूला १९२, ६० (जि०स०भा० ) माहित ) यालिरिया १६७ गुनामः ५६ (जिनपि सम्पादित मुटतोर ११, १७२ भा० १.२) गहटिया ९० जिम जाति के गांवों की संख्या कंवल प्रतिमा लंगों में तनी प्राप्त हो इस जाति वालों की जनसंख्या कितनी अधिक होनी चाहिये उसका अनुमान पाठकगण म्वयं कर ले। निवासस्थान और गृह-संन्या एम जातिवालों का निवासस्थान कौन कौन से प्रान्नों में और किन किन नगरों में था, इसके विषय में मतगावीं शताब्दी में लिए हमारे ममा एक पत्र ने अन्दा प्रकाश पटता। यापि इस पत्र में या संस्थानों (घरो की संख्या के माथ) फही नाम है, तो भी या विशेष उपयोगी होने से पाठकों को जानकारी के लिये, उसका मशहम यह न करने। श्री मत्तियाण यग्तर श्रावक नर ठामे प्रामे मनःपा.--- १ घर २५ विकार | गन पीपलिया पर २० माणिकपुर - TIME TAMARHI
SR No.010775
Book TitleManidhari Jinchandrasuri
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherShankarraj Shubhaidan Nahta
Publication Year
Total Pages102
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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