________________
पृष्ठ
पंक्ति
अशुद्ध
-: शुद्धिपत्र :
शुद्ध कृ ल
कृपाल (१४) पंडित मंडिन पूव
पूग्व
(१२)
m MMM
भग
भंग
ऊपज
ऊपजे
.
बसे
अंतिम
मत ग
दृष्टि....
अंतरंग दृष्टि अहै जैसे तेज प्रभा (१५)
प्रभा (७५) जसे
२२
तात
तसो
पर्ज
अंतिम
पर्जद्वार
पजद्वार दरवलहाही बन
दरव लहाही
१०६
बन
,
२०
तात अबको
तात अव को