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प्रथमावृत्ति वीर नि. सं. २४३५, सन् १९०८ द्वितीयावृत्ति वीर नि. सं. २५००, सन् १९७४
प्रतियाँ ११००
व्र. दुलीचन्द जैन ग्रन्थमालाको देहली निवासी श्रीमती कमलाबाई धर्मपत्नी श्रीलाला कृपारामजी जैन द्वारा एक हजार रुपये ज्ञानप्रचार हेतु प्राप्त हुए हैं; तदर्थ धन्यवाद!
मूल्य २-५०
मिलनेका पता: टोडरमल स्मारक भवन ए-४ वापूनगर, जयपुर-३ (राज.)
: मुद्रक : मगनलाल जैन अजित मुद्रणालय सोनगड (सौराष्ट्र)