________________
अपदस्त पदं रत्थि ।
से सद्दे, रग रूवे, ण गंधे, रंग रसे, रण फासे, इच्चेतावंति त्ति बेमि ।
98 संति पारणा अंधा तमंसि विवाहिता ।
पारणा पारणे किलेति ।
बहुदुक्खा हु जंतवो ।
सत्ता काहि मारणवा । अबलेरण वहं गच्छति सरीरेण पभंगुरेण ।
99 श्ररणाए मामगं धम्मं ।
100 जहा से दीवे असंदीणे एवं से धम्मे प्रारियपदेसिए ।
62 ]
[ आचारांग