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96 अगाणाए एगे सोवढारणा, प्रारणाए एगे णिरुवट्ठाणा । एतं
ते मा होतु।
97 सव्वे सरा नियट्टति,
तक्का जत्थ रण विज्जति, मती तत्थ रण गाहिया। ओए अप्पतिद्वाणस्स खेत्तणे । से ण दोहे, ण हस्से, ण वट्ट, रण तंसे, रग चउरंसे, रण परिमंडले, ण किण्हे, रग रगीले, रण लोहिते, ण हालिद्दे, ण सुक्किले, रण सुरभिगंधे, रण दुरभिगंधे, रण तित्ते, रण कडुए, रण कसाए, ण अंविले, ण महुरे, रण कक्खडे, ग मजए, रण गरुए, र लहुए, रण सीए, रण उण्हे, ण गिद्ध, रण लुक्खे, रण काऊ, रण रहे, रण संगे, रग इत्थी, रण पुरिसे, रग अपहा। परिणे, सणे। उवमा रण विज्जति। अरूवी सत्ता।
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[ आचारांग