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ण = मत । सोएज्जा=शोक कर । बहु = बहुत ( को ) । पि = भी। लधु * =
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प्राप्त करके । णिहे = श्रासक्तियुक्त । परिग्गहाओ = परिग्रह से । अप्पाणं = अपने को । अवसक्केज्जा = दूर रख । अण्णहा = विपरीत रीति से ।
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णं - उसको (का) । पासए – द्रष्टा । परिहरेज्जा = परिभोग करता है ।
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43 कामा (काम) 1/2 दुरतिक्कमा ( दुरतिक्कम) 1 / 2 वि जीवियं (जीविय)
[ ( काम ) - ( कामि)
1 / 1 दुप्पडिबूहगं ( दुप्पडिवूहग ) 1 / 1 वि कामकामी 1 / 1 वि खलु ( अ ) = ही अयं (इम) 1 / 1 सवि पुरिसे ( पुरिस) 1 / 1 से (त) 1 / 1 सवि सोयति ( सोय) व 3 / 1 ग्रक जूरति (जूर) व 3 / 1 सक तिप्पति ( तिप्प ) व 3 / 1 ग्रक पिडुति (पिड) व 3 / 1 ग्रक परितप्पति (परितप्प) व 3 / 1 अक
43 कामा = इच्छाएँ । दुरतिक्कमा = दुर्जप । जीवियं = जीवन | दुम्पडिबूहगं= बढ़ाया नहीं जा सकता । कामकामी = इच्छाओं का, इच्छुक । खलु = ही | अयं = यह । पुरिसे = मनुष्य । से = वह । सोयति - शोक करता है । रति = क्रोध करता है । तिप्पति = रोता है । पिड्डति = सताता है । परितप्पति = नुकसान पहुँचाता है ।
44 आयत क्लू [ ( आयत ) वि - ( चक्खु ) 1 / 2] लोगविप्पस्सी [ (लोग) - (विपरिस) 1 / 1 वि] लोगस्स (लोग) 6 / 1 अहे ( अ ) = नीचे भागं (भाग) 2 / 1 जाणति (जाण) व 3 / 1 सक उड्ढं (उड्ढ ) 2 / 1 वि तिरियं ( तिरिय ) 2/1 वि गढिए (गढि ) 1 / 1 वि अणुपरियट्टमाणे (अणुपरियट्ट) वकृ 1 / 1 संधि (संधि) 2 / 1 विदित्ता (विदित्ता) संकृ अनि इह ( अ ) = यहाँ मच्चिएहि (मच्चित्र) 3 / 2 एस (एत) 1 / 1 सवि वीरे (वीर) 1/1 पसंसिते ( पसंसित) भूकृ 1 / 1 अनि जे (ज) 1 / 1 सवि बद्धे ( बद्ध) 2/2 वि पडिमोय (पडिमोयए) व 3 / 1 सक अनि
44 आयत चक्खू - विस्तृत, आँखे | लोगविपस्सी = लोक को देखने वाला । लोगस्स = लोक के । अहेभागं = नीचे, भाग को । जागति जानता है ।
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