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श्रीवीतरागाय नमः
ज्ञानसूर्योदय नाटक।
श्रीवादिचन्द्रसूरिविरचित मूलसंस्कृतग्रन्थसे
देवरीनिवासी श्रीनाथूरामप्रेमीने हिन्दी गद्यपद्यमें अनुवादित किया।
और वम्बईस्थ-श्रीजैनग्रन्थरलाकर कार्यालयने बम्बईके निर्णयसागरप्रेसमें बाळकृष्ण रामचंद्र घाणेकरके
प्रबन्धसे छपाकर प्रकाशित किया ।
श्रीवीरनि० स० २४३५]
[ ईसवी सन् १९.६
प्रथमावृत्तिः
न्योछावर)