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अला राज काइ प्रिथिमादि रेली। अला कन्या वाट जोवै कुपारी,
अला पिरणीजे हिम करिज पियारी। अला वाप मेघा घरे मोड वांधी,
___ अला परी कालीग सां वेढ प्रांधौ । अला लादिवर पहिलड़ी साच लीधौ,
अला किसी मेघा सिरै कोप कीधौ । अला अहै चद्रावळी बीज श्रावी,
अला ठाकुरा मेघडी पिरिण ठावो । अला थाविरे थाविरे कळस थाप,
अला प्रापरै साचूनां सरग यापै । अला सेत घौडे चढी धरम साही,
अला चक्रधर सूरिज्या मिळण चाही । अला जादवां तुहारी अकल जांगी,
__अला घणा पासुरां तणी करौ घारगी। अला पहुवीरे ऊपर चौक पूरी,
अला चीरणमण चीरण रा महल चूरी। अला महा सैतान तोफान मोडे,
अला त्रिधार खड़ग सा दईत तोड़े। अला खेत ‘उजीण मा झूझ खेलौ,
अला चवै ईसर तणी पीर चेलौ । अला वधाई प्राज कुता वधायौ,
अला गावित्री गौरिज्या गीत गायौ । अला सावित्री सूरज्या सती सीता,
अला ग्यांन आदेश उणिहारि गीत ।। 'पणे पीरियो दास प्रम पतिसाहो,
अला हो, अला हो, अला हो, अला हो ।