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तोइ (४०) तो भी।
। विष (५)-नीधि । तोर्ड (३२)-सहार कर देता है। विणावत (८३)-तिनके के समान । तो (२)तेरा।
त्रिधार (१२)-तीन पैनी धारा का तोनां (६८, ७४) तुझको।
भाला विशेष। तो (३४)-तुझको।
त्रिधारा (६६)-एक प्रकार का भाला। तोफान (८६)-असुर, उत्पात, उपद्रव ।
त्रिधार (३२)-तीन धार का । , तोफान (३२, ७३, ८५)--उत्पात,
त्रिविध (४२) तीन प्रकार । उपद्रव, तूफान ।
| त्रिसर (८२)-रावण का भाई, एक तोफो (५३)-उत्तम, वढिया, आश्चर्य
असुर जो खर-दूषण का कार्य।
के साथ दडका वन तोव (६१, ७६) देखो तोवा ।।
मे रहता था, त्रिशतोवह (३८, ३६, ४८, ५०, ५६, ६७)
रासुर । अनुचित कार्य को भविष्य मे | त्रिसळ (६४)-कोप के समय, लिलाट न करने की शपथ, दीनतापूर्ण
मे पड़ने वाले तीन पुकार।
सिलावट या वल। - तोरल (१५)-एक भक्त स्त्री का नाम | त्रिसिधि (१८)-समर्थ, शक्तिशाली ।
जो रावल मल्लिनाथ के सम-त्रिहलोक (९७)तीन लोक, त्रिलोक, कालीन थी।
श्रीन (४४)-तीन। तोसा (७)-तुझसे।
त्रीकम (८, १००)-त्रिविक्रम, वामनातोहा (६८) तुझसे।
वतार, विष्णु का तो (२०, १०१) तू।
एक नाम। तौवह (७, २६, ६२, ७६) है,
त्रीकमा (११, ३४, ६६)-त्रिविक्रम, तोवह ।
विष्णु का एक नाम, त्या (३)-उन, उन्होंने।
वामनावतार । अड त्रड (९१)-प्रहार की ध्वनि । श्रीकमा (४०, ६६, ७४, ७५, ८४, त्राहि (५२)-रक्षा, वचाओ।
६४, १०३)–त्रिविक्रम, निगडां (६६, ६१)-एक प्रकार का
विष्णु, वामनावतार ईश्वर। शस्त्र विशेप, तलवार त्रीकमी (९७)-त्रिविक्रम, वामनावविशेष।
तार विष्णु।