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आढा की प्राप्त रचनाओ का भी मैने सग्रह करवाया है। इसका सम्पादन श्री वदरीप्रसाद साकरिया कर रहे हैं। आशा है वह सग्रहग्रन्थ भी शीघ्र ही प्रकाशित होगा। भक्त कवियों में पीरदान लालस अव तक अप्रसिद्ध से थे । आशा है इस ग्रन्थावली के प्रकाशन से इनकी ओर विद्वानो का ध्यान आकर्षित होगा। ____ भारत सरकार एव राजस्थान सरकार ने इन्स्टीट्यूट को आर्थिक सहायता देकर ऐसे अनेक ग्रन्थो के प्रकाशन का सुयोग दिया इसके लिए दोनो सरकारो का भी मैं आभारी हू।
-अगरचन्द नाहटा