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किसन (१५)-चौहान वश की खीची । कीन्ही (३६)-की
शाखा का राजपूत । कीयो (४५)-कीया किसिन (५५)-श्रीकृष्ण, राम। | कीर (३६, ५५, ८१, १०३)--शुक, किसिन दीपायण (७७)--कृष्ण पायन तोता, व्याध । किस (८०)—कौन से।
कीरति (२१)—कीति किसी (११, ३२, ५०, ६६, ८४)- कीला (६२, ७६, ८३, ६१)- क्रीडा, कीन-सा, कसी।
__ लीला। किहक (88)-कुछ तो। कुआरी (३२)-अविवाहिता, कुमाकिहडी (८, १९)-किस
रिका। किहडो (४६) कैसा
कुंडलपी (१६)-कु डलिनी किहिक (१०) कुछ
कुण (९५)—कीन किहिकि (११)-कुछ
कुत (६६)-भाला कीच (६५)-कीचड़
कु ता (३२)-पाण्डवो की माता, कीदर (१३)-किन्नर
__ कुन्ती । कीच (६६, ८५)-पक, दलदल। कुम्भकरण (५७)-रावण का भाई, कीजै (३७, ३८)—करिए
एक दैत्य । कीट (७९)-कैटक नामक असुर जो कुणवा (६०) कुटुम्ब
कुण (४, ५, २६, ३७, ४१- ४६, ५६, कोकाको ६८, ६६, ७६, ७६, ८७, विप्णु ने मारा था।
१०१)-कौन, किस, । कीटग (२१, ५२)-देखः कीटक । कुणे (४०, ४१)-किस किसने । कीव (४, ३०, ५३)किए, किया। विज्या (६१) स का एक अनुचरा कीधा (२, ३, ६, १६, ९४)-किए
जिमकी पीठ कुवडी थी। कीधी (१०, ४८, ६२)-की कुमया (७०)-कमी, प्रभाव, कोप। कीयो (१३)-किया
कुरखेत (५)-कुरुक्षेत्र। कीधी (४, १२, १३, २८, २९, ३२. कुराण (१८)-कुरान । ५०, ६६)—किया, कियो, कर कुरिदि (३०)- कगाली, निर्वगता। दिया । ।
कुसटामिरिण (४३)-कौस्तुभमणी ।