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________________ जिनराजसूरि कृति-कुसुमांजलि २६० रश __ मोसाल १५९ ननिहाल रूहाडि ४३, १६८, १८०, अभिलाषा मोसालो १४६ विवाहके समय ननिहाल से आने वाली १७८, २०१ गिराऊ। ___ सौगात रस्म १३७ गिराती हैं रोतउ १७७; १८० रोता हुआ रोवाड्यउ १८० रुलाया रढ माडि १४८ जिद्द पकड़ कर लगइ २०१ पर्यन्त रढाला ११९ रणवीर लजाणउ १७४ लज्जित हुआ रखे १८ मत, निपे- लडथडे १३० लड़खडाता है धात्मक अव्यय लहउ ५७ प्राप्त किया रचीजइ ५६ करना लवणिमा १६८ लावण्य ७० रोता है लहवह घउ २३४ अस्वस्थ हुना रणवावला १६३ युद्धातुर लाखीणउ ९४, १९० लाखो के रमाडइ २२५ खिलातीहै मूल्य वाला १८२ रात्रि अमूल्य राई १३५ दरार लाजवी १६३ लजाकर १७७ राखी बांधना लाड १२९, १७७ प्यार राचतो १३८ रचता हुआ लीघउ १६१ लिया राजवी १६३ राजा लाधी १२२ पाई राडि १९४ झगड़ा लावन १८९ लावण्य যরা। २१० लाल लाहइ २३८ (लाहण) रामति १४२ खेल बांटना समेकड़ड १९५ खिलौना लुणियइ ५२ फसल पाना रीव १८७ चिल्लाहर लुणिवा ३२ फसल पानेके लिये २२९ वृक्ष पर लूघी १७९ लुब्धी २३० अच्छी लही १२८ पौछकर रुसण ९४ रुष्ट होना तेसइ १७७ गणना रयणि रासहि
SR No.010756
Book TitleJinrajsuri Krut Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1961
Total Pages335
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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