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मोढ, नीमा,
वाल,
(१४८) खंडेलवाल, अगरवाल,
जैसवाल,
सेझवाल। डीडवाल, कठोडा, सूराणा, सोनी। लाट,
भागद्रा,
नागद्रा । नागर,
हरसोला, नरसिंघपुरा । टसोरा, मेवाड़ा,
श्रामेटा, मेडतिया। सोरठिया, बीयाड़ा, खड़ायता, साडेरा। भटेरा, कुमा,
धाकड',
चीतोडा । लाडू, हरसोरा, हूबह,
नागोरा। नलोरा, साचोरा, वधनोरा,
सोझोता। कपोला, इत्यादि वणिक जाति ।
नैष्टिक ब्राह्मण (४) उत्तरासंग धोती, सऊतरिऊ जनोइ, हाथि प्रवीती, सिरु भद्रियउं, सिखा फरहरती, तिलकु वधाग्यिउ, गात्री सारु, त्रिकाल सध्याराधनु, प्रभात स्नानु, नित्यदानु । वेट पढइ, वेदान्त जाणइ, सिद्धात वखाणइ, देव तर्पणु, गुरु तर्पणु, ऋषि तपणु, पितृ तर्पणु, इसउ नैष्टिकु ब्राह्मणु ।
ब्राह्मण नी जाति (५) नागर, राजर, उदवट, भटनागर, सिणोरा, साचोरा, ढसोग, उदबर,५ साहोद्रा, नागद्रा, गेडवाल, खेडावाल, इटावाल, पल्लीवाल, श्रीमाल, गोलवाल, चोवीसा, लोडी सीखा, वडी-साखा, मथुरीया, सिनोडिया, कन्होलिया, वालिमिया, श्रीगोड, गुजरगोड, गोड, मेवाडा, चितोडा, कन्हडा सारस्वत, उदिच, घेणोजा, तदुप्राणा, मालवी इत्यादिक ।
विरुदावली वाचक छात्र नाम (६) एक राजा ने ब्राह्मण महा पंडित बोलाइ छइ ।। मुंहडा आगल छात्र भणे वृटावलि बोलइ छइ ॥ कुण २ ते छात्र तन्नामान:--
१.सेमवाल । २ वायढा । ३. थाकड़ । ४. गायत्री साधनु ( स० १) प्रारभ के कुछ धागे पीछे है। ५ गोंदा।६ मिवोठा ।.७. नागोद्रा.। = मिसा। ..पारणी।