________________
xlvii धर्मोत्तराचार्यः-87, 331, 333, 336, 343, 344. न्यायकौमुदीकारः--64. पक्षिलः-242. परमेश्वरः 587, 589. पञ्चशिखाचार्यः-285, 290. पौराणिकाः-578. प्रज्ञाकरमतिः -192, 202. प्राभाकराः-572. वायैकदेशिनः-459. बुद्धदेवः---317. ब्रह्मगुप्तः-606,612. भट्टपराशरपादाः--173. भट्टाकलङ्कः-161, 163, 169. भदन्तघोषकः-317. भदन्तयोगसेनः-344, 346, 382. भदन्तवसुमित्रः-317. भर्तृप्रपञ्चः-13. भास्कराचार्यः-581, 594, 595, 600, 601, 608. भास्करः---13. महाभाष्यम्--578. मार्कण्डेयः-129. यादवप्रकाशः-631. यामुनमुनयः-~421. रत्नकीर्तिः -.321, 326, 341, 342, 346, 355, 364, 367. रङ्गनाथदैवज्ञः-596. रसेश्वरसिद्धान्तिन:-485. लगधः-510. लल्लाचार्यः-589, 591, 598, 602, 603. वंशीधरः-101, 103, 109, 110, 112, 113, 118, 125, 129, ____132, 133, 145, 274, 275, 276, 397. वरदविष्णुमिश्राः--536, 537.