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वीरवाण पड़ीयो चायल सैंसमल षळ कर भष भूरा। भीम पडै रिण सांषलो तन कर चक चूरा ।।
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दोळो पड़ मोयल दुझळ पत्रवट वट पाटे ।' हजूरी वनी पड़े दोयग दळ दाटे । पडीयो आहेड़ी पनो झड़ीयो षग झाटे । सांगी पड़ पाएक सुभट कीर मर तन काटे । मांगलीयो मंगलौ प. जग सारौ जाए। सहंस दोय पड सूरमा पाषर हय पाणै ॥ वीरम संग वीठीया विहद तद ऊंची ताण । अछरां वर पोहता इता श्रग बैठ विमांग ॥
दूहा सोडा हाड़ा सिसोदा, पड़झाळा अरु गोड़ ।.. चावड़ा तुर चवाए पड़, रिण पड़ीया राठोड़
नीसांणी . जसु रिएमें जूझीयो कर जोस हमला। मदु जैत रिण रहे झड तेगा झला ॥ घट फूटा देपालदा घुड़ले : वर घला । दोय सहंस जोया दुझल हुरां संग हला ।।
चढ़ीया डोली च्यारसै गिरणे गलबला। • सब आया साही बांणमै कर अली अला ॥
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दलो कहै मै वरजीया मानी नह काई । वीरमसुं जुध वाजनै सव सेन कटाई ॥ मारे वीरम रिण . मुवा भड़. च्यारू भाई । धूड़ वलोइण धाड़नै जो कीधी सो पाई।