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चौरवाण
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जद वीरम मन जाणियां नीसाणी ८४
अला अला ऊंचार के • चढ बेंगा चल्ला ___... , ८५
हुय वीरां हल्ला वीरम मल्लां वीटिया बाजी गलबल्ला भड़ वीरम मदुपै भिड़े 'जाणे जम टिल्ला भासै रिण भल्ला
- , , 'घड़ कुंजर घल्ला 'उठिया गिर टिल्ला
सुण सांची सल्ला .दिन कढ़ता दल्ला
करता रिवमल्ला मिलिया दल मैदान में मांझी कर सल्ला 'बण बैठा बल्ला कहां भाई भल्ला बादुर ढाढी बोलिया नीसांणी गल्ला नल्ला सल्ला नीवगै • सो जाणों अल्ला. • मदुः अष्षे वीरमा 'लाष गुना मैं जारिया
थें नह गुना जारियां दला विनां तूंजारतो ।' वीरम कहिया बाद में 'भड सारा मांसू भिडो . जद मदु हूँ जाणवू कहियो मदू कटक कू
" , । वीरम सूजुध जूटजो : तोले तरवारी. बाण बंदुक कमाण दूरी कर डारी : सांभल मद सोय
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. . . ११
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दूहा १४८