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८२६ स्मरण कला
६-१० महासभा में रीछ का चिह्न धारण करने वाली एक गुप्त
मण्डली है। १०-११ रीछ का उपद्रव ग्राम मे अधिक होता है। ११-१२ ग्राम में एक विद्यापीठ खडी की गई है।
इ-सेवक लाल, दुःख, कुटुम्बी, जलेबी, गधा, ब्राह्मण । १२-१३ ग्राम की विद्यापीठ मे सेवकलाल बहुत सुन्दर काम करता है। १३-१४ सेवकलाल ने दुःख सहन करने मे कदम पीछे नही हटाया। १४-१५ दुःख देने में ग्राम के कुटुम्बी लोग मुख्य है। १५-१६ कुटुम्बियो के सिर पर कर्ज होने पर भी रोज सुबह जलेबी
खाते हैं। १६-१७ एक कुटुम्बी जलेबी खाते हुए गधे पर बैठा है। १७-१८ गधा ब्राह्मण को सामने देखकर हूँ कता है।
इस प्रकार सकलना करने मे सामान्य ज्ञान, साहचर्य और कल्पना खूब मददगार होती है। इसलिए उन हरेक का महत्त्व अगले पत्रो मे बताया गया है।
पिछले पत्र पढते रहना तथा उनमे जो जो अभ्यास के योग्य हो, उसका अभ्यास करते रहना।
मगलाकांक्षी
धी. मनन संकलन की महत्ता, हरेक शब्द की किसी न किसी प्रकार से दूसरे शब्द के साथ सकलना की जा सकती है।