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शतावधानी पं. धीरजलाल टोकरसी शाह,
संक्षिस परिचय शतावधानी मन्त्रमनीषी शताधिक ग्रन्थो के लेखक प. धीरजलाल टोकरसी शाह जैन साहित्य और मन्त्र साहित्य के प्रौढ विद्वान् हैं । प्रस्तुत पुस्तक के गुजराती मे मूल लेखक होने से आपके जीवन की सक्षिप्त रूपरेखा यहाँ प्रस्तुत करना अनुपयुक्त न होगा।
श्री धीरजलाल टोकरसी शाह का जन्म सौराष्ट्र प्रदेश के सुरेन्द्रनगर के समीप दारणावाड़ मे 18-3-1906 फाल्गुन कृष्णा अष्टमी वि स 1962 को हुआ था। - इनके पिता टोकरसी और माता मणी बहन धर्म प्रिय व्यक्ति थे। अन्य गुजराती परिवारो की तरह माता - की धर्म-निष्ठा अधिक थी। इनकी स्मरण शक्ति अत्यन्त तीव्र थी। अचानक इन के पिता की मृत्यु वि. स. 1970 की कार्तिक शुक्ला 1 को हुई । उस समय अवस्था अत्यन्त छोटी थी। माता ने कठिन परिश्रम करके इनके परिवार का लालन-पालन किया था।
गाव मे प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण करके श्री अमृतलाल गोविन्दजी रावल की प्रेरणा से अहमदाबाद मे सेठ चिमनलाल नगीनदास शाह छात्रावास मे 30-6-1971 को प्रवेश लिया। इसके बाद महात्मा गांधी की प्रेरणा से अग्रेजी स्कूल छोडकर प्रोप्रायटरी हाई स्कूल मे प्रवेश लिया। वहाँ रहते हुये कई विद्वानो के सम्पर्क मे पाने का भी आपको सौभाग्य मिला, इनमे से काका कालेलकर, अध्यापक कौसाम्बी, आचार्य कृपलानी के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। सन् 1924 मे आपने गुजराती विद्यापीठ मे प्रवेश लिया। वहाँ रहते हुए गांधीजी के विचारो से काफी प्रभावित हुए । अपनी निश्चित दिनचर्या बनाकर धार्मिक शिक्षा, चित्रकला, सगीत आदि का आपने भली भांति अध्ययन किया। काश्मीर, ब्रह्मदेश, यूनान, चीन की सीमा रेखा तक देश के कई भागो मे आपने भ्रमण किया। साहित्यिक सशोधन की दृष्टि से भी आपने बगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक प्रदेश मे अनेक प्रवास किये।
चित्रकला के प्रति आपकी वडी अभिरुचि रही । गुजरात विद्यापीठ मे रहते हुए आपने चित्रकला का अच्छा अध्ययन किया। आगे चलकर सर्व