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११० स्मरण कला
र ग रग, रग, रोग ६५ मप माप ७८ वश वेश, वश, वास १२३ न र ग नारगी
जप मत्र-इस पद्धति मे तीन अक्षरों से कोई शब्द बडा नहीं बनाना चाहिए । इसलिए तीन अक्षरों का ही अर्थ समझना चाहिए। ७९१ वह न वाहन २०२ रद र रांदेर (सूरत के पास का एक गाव) म स ग मौसी गीत गाती है (ऊपर कहे मुताबिक
प्रथम के तीन अक्षर ही लेने) ९९२ ह र र हे हार ! हाहारे हाय हाय रे । (य स्वर
की तरह किसी का भी प्रतिनिधित्व नही
करता है, क्यो कि वह अर्ध स्वर है ।) ८१३
सन ग मोना गेरु ४७९ ज व स जवासो ००२ द द र दादारे ! दादर, दादरो, दीदीरे ।
इन उदाहरणो को लक्ष्य मे रखकर तुम ध्यान पूर्वक प्रयत्न करोगे, तो व्युत्क्रम को साध सकोगे और सरल बना सकोगे।
मगलाकाक्षी
धी०