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१०३ . स्मरण कला
(१०) लार्ड कर्जन
(उगरणवीस सदी के अन्त मे) (११) महात्मा गाधी
(बीसवी सदी) कहने का आशय यह है कि कालक्रम, स्थल क्रम, गुणक्रम, प्रादि कोई भी क्रम का अनुसरण करने पर ग्राह्य विषय व्यवस्थित रूप से ग्रहण हो जाता है और जरूरत पड़ने पर वह क्रमश: याद प्रा सकता है।
पिछले पत्रो का वाचन चालू रखना । एकाग्रता तथा कल्पना के विकास को अभी वृद्धिगत करते रहोगे तो शीघ्र ही समग्र विकास हो सकेगा।
मगलाकाक्षी
धी० मनन क्रम और व्युत्क्रम, अक, शब्द, वार, महीना, वजन और अन्तर माप के दृष्टा, अवयं कुटुम्ब के नाम, ऐतिहासिक व्यक्तियो की स्मृति । -