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दो शब्द
सम्वत् १६६८ में पञ्जाबकेशरी पूज्य श्री काशीराम जी महाराज राजकोट (काठियावाड़) के चातुर्मास में कानोड़ मेवाड़ निवासी श्री उदयलाल जैन ने प्रधान आचार्य पूज्य श्री सोहनलाल जी महाराज का जीवन चरित्र लिखा था। उस समय राजकोट के श्री संघ ने प्रेस कापी के लिए ५००) व्यय किये थे, इसके लिए उनको धन्यवाद दिया जाता है। किन्तु वह कापी सन् १९४७ में लाहौर के प्रेस में छपने के लिये जा रही थी, परन्तु विभाजन होने के कारण पुस्तक नहीं छप सकी
और प्रेस कापी नष्ट हो गई। पुनः सम्वत् २०१० में जीवन चरित्र का मैटर संग्रह करके पण्डित चन्द्रशेखर शास्त्री द्वारा लिखी जाने के बाद लाला बनारसीदास प्रेमचन्द ओसवाल सदर बाजार, देहली के प्रयत्न से जीवन चरित्र प्रकाशित किया
गया।
-रतनचन्द ओसवाल (R.C. Oswal)