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प्रधानाचार्य श्री सोहनलाल जी वंदी बना कर यह सारा समाचार अपने मामा जी को जाकर सुनाया। सोहनलाल जी के पलंग पर सर्प होने के समाचार से घर भर में शोर मच गया। अव तो सारा परिवार आपके पलंग के पास आया। वह लोग इस दृश्य को देखकर अत्यधिक आश्चर्य करने लगे। सर्प का सोहनलाल जी के पलंग पर चढ़ना, फिर भी उनको हानि न पहुंचाते हुए उनकी वगल में सो जाना और फिर सोहनलाल जी का उसको बंदी बना लेना यह तीनों ही घटनाएं उनके लिए अत्यधिक आश्चर्य का विषय थी। वह इस दृश्य को चकित नेत्रों से देखने लगे। ___उनको जब सोहनलाल जी से यह पता चला कि वह प्रति दिन णमोकार मंत्र का जप बिस्तर पर लेटने से पूर्व किया करते हैं तब तो उनको इस बात का विश्वास हो गया कि यह सारा प्रभाव णमोकार मंत्र का ही है। इस दिन से सारे परिवार को णमोकार मंत्र पर ऐसी श्रद्धा हो गई कि उन में से प्रत्येक ब्यक्ति के मुख से णमोकार मंत्र ही सुनाई देता था। ___इस के पश्चात् उस सर्प को वहां से उठवा कर जंगल मे ले जा कर छुड़वा दिया गया।