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पर जनता की भलाई के लिए वितीर्ण भी कर दी जाती
बहुश्रुत भी भव्य जीवों की भलाई के लिए और अपना कल्याण करने के लिए अमूल्य ज्ञान-भडार रखते हैं और समय-समय पर उसका उपयोग जनता की भलाई के लिए किया करते हैं। उनका ज्ञान मिथ्यात्व का नाश करने वाला होता है, अत: उपमेय रूप बहुश्रुत की धान्य-कोष्ठागार रूप उपमान से समता की गई है । १३ जंबू वृक्ष की उपमा__वृक्षों में सर्वोत्तम वृक्ष जम्बू वृक्ष है, जिसका दूसरा नाम सुदर्शन भी है। वह अपने आप में अद्वितीय है एवं सदैव फूलों-फलों एवं पत्रों से सुशोभित रहता है। उस पर पतझड़ का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, वह सौंदर्य और सुगन्ध से सम्पन्न एव देव-अधिष्ठित होता है।
उसी तरह बहुश्रुत ज्ञानी भी उत्कृष्ट ज्ञान, दर्शन और चारित्र से शोभायमान होते हैं । अन्य मुमुक्षुषों की अपेक्षा उनका ज्ञान समुन्नत होता है। परोक्षरूप में देवता भी उनकी आज्ञा का पालन करते हैं । जैसे जम्बूद्वीप की प्रसिद्धि जंबू वृक्ष से है, वैसे ही श्रीसंघ की प्रसिद्धि बहुश्रुत से होती है, अतः बहुश्रुत के लिए जबू वृक्ष की उपमा सर्वथा उपयुक्त प्रतीत होती है । १३ शीता नदी की उपमा
हजारों-लाखों नदियो में शीता महानदी सर्वोत्तम है,
नमस्कार मन्त्र]