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________________ प्रन्थानुक्रमणिका पृष्ठांक 8 १३-६४ 9u tor सम्पादकीय.वक्तव्य प्रस्तावना १. आदर्श प्रतियोंका परिचय २. ग्रन्थ-परिचय ग्रन्थ-परिमाण ४. ग्रन्थकार-परिचय ५. नयनन्दिका परिचय और वसुनन्दिका समय उपासक या श्रावक ७. उपासकाध्ययन या श्रावकाचार ८. श्रावकधर्म-प्रतिपादनके प्रकार ६. वसुनन्दि-श्रावकाचारकी विशेषताएं १०. अष्टमूल गुणोंके विविध प्रकार ११. शीलका स्वरूप १२. पूजन-विधान १३. वसुनन्दिपर प्रभाव १४. वसुनन्दिका प्रभाव १५. श्रावकधर्मका क्रमिक विकास ... श्रा० कुन्दकुन्द ,, स्वामी कार्तिकेय , उमाखाति , स्वामी समन्तभद्र , जिनसेन , सोमदेव "देवसेन . , अमितगति "अमृतचन्द्र वसुनन्दि सं० आशाधर
SR No.010731
Book TitleVasunandi Shravakachar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1952
Total Pages224
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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