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५ प्राकृत-धातु-रूप-संग्रह इस विभागमें ग्रन्थ-गत धातु-रूपोंका संग्रह किया गया है।
प्राकृत धातु
धातुरूप
विशेष वक्तव्य
गाथाङ्क
कृदन्त, क्त्वा प्रत्ययान्त वर्तमान कृदन्त
१६४ १०५
२११
(अगणित्ता १-+गण-गणय (गिनना)
अगणंतो २- +गह-ग्रह (ग्रहण करना) अगिराहतस्स ३-अच्छ-प्रास् (बैठना) अच्छा ४-अ+जाण-ज्ञा (जानना) अजाणमारणस्स ५-+जंप-जल्प (बोलना) अजंपणिज्ज ६-अज्ज-अर्ज (पैदा करना) अज्जे ७-अणु+गण (गिनना) अणुगणंतण ८-अणु+पाल-पालय (पालन करना) अणुपालिऊण ६-अणु+बंध-बन्ध (बाँधना) अणुबंधइ १०-अणु+वट्ट-वृत् (अनुसरण करना) अणुवट्टिज्जह ११-अणु+ हव-अनु+भू (अनुभव (अणुहवा
वर्तमान लकार ११५, १७७, १८७ वर्तमान कृदन्त कृत्यप्रत्ययान्त वर्तमान लकार ११२, ३४७ वर्तमान कृदन्त सबधक कृदन्त
४६४ वर्तमान लकार
३३०
७७
• ४५, ७०
करना)
अणुहविऊण
सबधक कृदन्त वर्तमान लकार
२६६ ११४
आज्ञा लकार वर्तमान कृदन्त
१६६ ६१, २०३, २२६
१२-आण-श्राणी (ले श्राना) अराणेमि (आणेमि) १३-अत्थ-स्था (बैठना)
अत्थइ १४–अस
(अस्थि । (होना)
। अत्थु १५-अ+मुण-श्रा मुण (जानना) अमुणंतो १६-अ+ लभ-लम् (पाना)
अलभमाणो
। अलहमाणो १७-अव+ लिह (चाटना) अवलेहइ १८-अहिलस-अभि+ लष (चाहना) अहिलसइ
अहिलसदि १६-अहिसिंच-अभि-सिच (अभिषेक अहिसिंचिज्जइ
करना)
१.१३ ११५
वर्तमान लकार
४६१
५१७
२०-आऊर-श्रा+ पूरय (भरपूर करना) श्राऊरिऊण २१-श्रा+या (श्राना)
आयंति २२-आरोव-श्रा+ रोपय् (ऊपर आरोविऊण
चढ़ाना, लादना)
संबंधक कृदन्त वर्तमान लकार संबंधक कृदन्त
४६६ ४१७
२१