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________________ N . - - - - camera व्याख्यान-तेईसवाँ अनंतज्ञानी तारक जिनेश्वर देवों के शासन में नवकार मन्त्र जैसा कोई मन्त्र नहीं है। आधि, व्याधि और उपाधि रूप त्रितापको दूर करनेवाला नवकार मन्त्र ही है। __ आज तुम्हें मन्त्रों पर श्रद्धा है लेकिन नवकार ऊपर श्रद्धा नहीं है । इसलिये तुम साधु के पास जाकर कहते हो कि साहव ! एसा सन्त्र दो कि बेडा पार हो जाय । लेकिन ये विचार नहीं आता कि मन्त्र शिरोमणि नवकार मन्त्र जिसके पास हो उसे दूसरे मन्त्रों की जरूर ही नहीं रहती है। जिसका साथी नवकार है उसका अहित कोई नहीं कर सकता है। ___ नवकार मेरा है और मैं नवकार का हूं पसे भाव आये विना नवकार लाभ नहीं कर सकता है। अमरकुमार को नबकार ऊपर अडोल श्रद्धा होने से ही वह बच गया । "मन्त्रमा मन्त्र शिरोमणि जपीये नित्य नवकार । चौद पूर्वनो सार छे महिमा अपरम्पार ॥ नवकार मन्त्र की महिमा गाती अमरकुमार की यह कथा प्रेरक है:
SR No.010727
Book TitlePravachan Ganga yane Pravachan Sara Karnika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhuvansuri
PublisherVijaybhuvansuri Gyanmandir Ahmedabad
Publication Year
Total Pages499
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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