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________________ ।। पन्दे श्री वीरमानन्दम् ॥ ಹಿಲಿಪಿಲಿಲಿಲಿಲtಹಿಹಿಹಿಹಿಹಿಹಿಜಿ * सर्वज्ञ कथित तत्व रहस्य * SearPPPRPRAproParko १ जीवदया (जयणा) हमेशा पालनी चाहिये. चलते, बैठते, उठते, सोते, खाते, पीते या बोलते याने यह हरएक प्रसंगमें प्रभादसे पिराये प्राण जोखममें नहि आ जावे तैसे उपयोग रखकर चलना. सूक्ष्म जंतुओका जिस्स संहार हो जाय, तैसा खजुरीका झाडु वगैर। कचरा निकालनेके लिये कवीभी 44राशम नहि लेना. पानीमी छानकर पीना, छाना हुदा जलभी ज्यादा नहि ढोलना. जीवदयाके खातिर रात्रिभोजन नहि करना. कंदमूलभक्षण वर्जित कर देना. जीवदयाके खातिर जहा तहा अग्नि नहि सिलगानेका ध्यान रखना; क्योंकि अपने प्राणहीके समान सब जीवों को अपने अपने प्राण वल्लभ हैं, तो तिन्ह के प्रिय प्राणों की कीम्मत बुझकर स्वच्छंदपना छोडकर जैसे उनका बचाव हो सके तैसे कार्य करने में मथन करना ओर याद रखना कि सर्व अभक्ष्य-मद्य मांसादिके भक्षणसे क्षणिक रसकी लालचके लीए असंख्य जीवोंके कीमती जानकी वारी होती है, तिन्हके नाहक संहारसे महान् पाप होनेसे जगत्म महा रोगादि उपद्रव उद्भवते है
SR No.010725
Book TitleSadbodh Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKarpurvijay
PublisherPorwal and Company
Publication Year1936
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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