SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 6
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषयानुक्रमणिका ( हिन्दी विभाग ) करना. १ सर्वज्ञ कथित तत्व रहस्य बाबत ६७ पृ४ १ से ३६ तक के नाम. વાવત નામ gg|વાવત નામ પૃષ્ઠ १ जीवदया ( जयणा ) हम्मेशा १६ उपकारीका उपकार कमी पालनी चाहिये. १ भूलना नहि. २ निरतर इद्रिय वर्गका दमन १७ अनायको योग्य आश्रय देना. ७ ૨૧૮ વિતી મારી જતા રિલ३ सत्य वचन ही बोलना. २ लानी नही. ४ शील कबीभी छोडना नहि. ३/१९ किसीकी भी प्रार्थनाका भग ५ कवीभी फुशील जनके संग करना नहि. १० निवास करना नहि. ३२० दीन वचन बोलना नहि. १० ૬ મુત્વવન વિવારે ટોપના નહિ. ૩૨૧ ગાત્મકરાસા ની નં. ૧૦ ७ (अ) चपलता - अजयणासे २२ दुर्जनकी भी कवी निंदा नहि चलना नहि. ३ करनी. ,, (व) उद्भट वेष पहेरना नहि. ४२३ वहोत हंसना नहि. १२ ८ वक्र-विषम दृष्टिसे देखना नहि. ४२४ वैरीका विश्वास करना नहि. १३ ९ अपनी जीव्हा नियममें रखनी. ४/२५ विश्वासको कवीभी दगा देना . १० विना विचारे कुछभी नहि ५ नहि. १५ २६ कृतघ्नता - किये हुवे गुणका ११ उत्तम कुलाचारको कवीभी लो५ कवीभी नहि करना. १७ लोपन करना नहि. ५/२७ सदगुणीको देखकर प्रसन्न होना.१७ १२ किसीको मर्मवचन कहना नहि. ५/२८ जैसे तैसेका सग स्नेह करना १३ किसीको कवीभी जूठा कलक । नहिः १८ नहि देना. . ६/२९ पात्र परीक्षा करनी चाहिये. १८ १४ किसीकोभी आक्रोश करके ३० अकार्य कवीभी करना नहि. १९ ___ कहेना नहि. ६३१ लोकापवाद प्रवर्तन हो पैसा १५ सबके उपर उपकार करना. ६ नहि वर्तना. . करना.
SR No.010725
Book TitleSadbodh Sangraha Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKarpurvijay
PublisherPorwal and Company
Publication Year1936
Total Pages145
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy