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भंडार (१९) वृद्धिचंद्रजी यति संग्रह (२०) चुन्नी संग्रह, ये तीन जैसलमेर में हैं। (२१)हरि सागर सूरि भंडार, लोहावट जोधपुर रियासत में है । इन इक्कीस संग्रहालयों की प्रतियों का विवरण है । प्रसंगवश विवरण लिये गये ग्रन्थों की अन्य प्रतियाँ जो राजस्थान के बाहर के संग्रहालयों में भी ज्ञात हैं उन पांच संग्रहालयों (१) दि० जैन मन्दिर देहली, सेठ कुञ्चेवाली गली में अवस्थित (२) भांडारकर रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पूना (३) नकोदर जैन-ज्ञानभंडार पंजाब (४) गुलाब कुमारी लायब्रेरी कलकत्ता (५) साहित्यालंकार मुनि कान्ति सागरजी संग्रह का भी उल्लेख किया गया है । प्राभार
___ कोई भी साहित्यिक कार्य प्रायः अनेक व्यक्तियों के सहयोग से ही सम्पन्न होता है। अतः जिन-जिन महानुभावों का सहाय प्राप्त हो उनके प्रति कृतज्ञता प्रकाश करना
आवश्यक हो जाता है। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाश में आने के निमित्तभूत एवं सुविधा देकर कार्य में सुगमता एवं शीघ्रता करने के लिये श्रीजनार्दनरायजी नागर, बीकानेर पधार कर कई दिन लगातार मेरे साथ श्रम उठाकर विवरण-संग्रहमें सहायता एवं प्रेसकोपी तैयार करने-करवाने के लिये श्रीपुरुषोत्तमजी मेनारिया और विषय-वर्गीकरण आदि कार्यों में सत्परामर्श देने एवं प्रफ संशोधन में सहायता करने के लिये माननीय स्वामी नरोत्तमदासजी का मैं बड़ा अभारी हूँ। सबसे अधिक आभार तो जिन संग्रहालयों की प्रतियों का विवरण लिया गया है उनके संचालकों का मानना आवश्यक है जिनकी कृपा के विना यह ग्रन्थ संकलित हो ही नहीं सकता था। उन संचालकों में से श्री अनूप संस्कृत लायब्रेरी की प्रतियों के यथावश्यक नोट्स लेने की आज्ञा एवं सुविधा देने के लिये डायरेक्टर शिक्षाविभाग राज श्री बीकानेर, एवं क्यूरेटर महोदय का विशेष रूप से कृतज्ञ हूँ।
प्रस्तावना में कुछ अधिक लिखने का विचार था । जिन-जिन विषयो के ग्रन्थों का विवरण प्रस्तुत ग्रन्थ में दिया गया है उन सभी विषयों के अद्यावधि प्राप्त समस्त ग्रन्थो की सूची एवं उनके विकास और हिन्दी साहित्य पर अन्य प्रासंगिक विचार प्रकट करने का विचार था पर ग्रन्थ को रोके रहना उचित नहीं समझ अत्यंत संक्षेप में समाप्त की जा रही है। समय ने साथ दिया तो मेरे सम्पादित आगामी भागों के प्रकाशन के समय विस्तार से प्रकाश डालने की भावना है। वीकानेर
-अगरचन्द नाहटा (१)-जैसलमेर के ज्ञान भंडारों एवं वहाँ के अज्ञात ग्रन्थों के सम्बन्ध में मेरे निम्नोक्त दो
लेख प्रकाशित हैं :-( क ) जैसलमेर: के भंडारों की कुछ ताड़पत्रीय अज्ञात प्रतिय (प्र. अनेकान्त घर्प ८ अंक १), (ख ) जैसलमेर के भंडारों के अन्यत्र अप्राप्त ग्रन्थ (प्र. जैन साहित्य प्रकाध वर्ष ११ अंक ४)।