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fre : 17, नाम मोर देश सभी प्रकार के शब्दो का विवेचन स्पष्ट
F- AIL: पानि भान्तीय प्रार्य भापात्रो में विकसित नागेन ािये तो पता गात्त्वपूर्ण तथ्य सामने आ सकते हैं । ग:"aiनिमा प्राग प्रत्या नीमित है। देशीनामाला के नामपदो
; विमान गदि मगत रप से करें तभी इसकी सारी :: : : पातु किये गये अध्ययन में निहित दृष्टि के * मार - नाअनुपयुन होगा।
1 .; या ऊपर प्रस्तुत किया गया है यदि ध्यान मे देवा
TREET हो । न शन्दों के अध्ययन के वीच यह म : किन पनि पनि घोर नाम्गतिक वातावरण के बीच में
नानहरो, मी ती परिस्थिति और वैसे ही वातावरण नी । यावान गगने जापग तच्य की ओर इंगित करती
मानी तो तत्व है जिन्हे शिष्ट साहित्य ने ग्रहण ५-Tी पिष्टी मुहर लगा दी और उन्हें हम देख कर भी अनदेखा
शीममा ना भ द्र ने मान देण्य' यह जाने वाले मज्ञापदो का ही विवरण दिया है।
ग्य' मिपायो पा रियेचन उन्होंने अपने प्राकृत व्याकरण मे धात्वादेश के रूप में किया है। ६ग प्रपार उहोंने प्राकृतो की समस्त 'देश्य' मान्दावनी फा विस्तृत विनेचन प्रस्तुत कर दिया है।