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________________ ___ 114 ] प्रचलित देखे जा सकते है । इस कोश मे निहित इस वर्ग के शब्द हमारे समक्ष जो मास्कृतिक चित्र उपस्थित करते हैं वह आधुनिक समाज के निम्नवर्ग या निम्न मध्यम वर्ग का सास्कृतिक चित्र है । एक बात का निवेदन यहा फिर कर देना उत्रिन समझता हू कि इन शब्दों के प्रावार पर निर्धारित की गयी सस्कृति को किमी युग विशेष से जोडने का प्रयास सर्वथा असभव कार्य है। अब इनका अलग-अलग विवेचन देना उपयुक्त होगा। खानपान-कोश मे मकलित खाने की वस्तुयो के वाचक शब्द इस प्रकार हैंउहिया 1-88-खीर, यह चावल और दूध के मिश्रण से पका हुआ मीठा भोज्य पदार्थ होता था। आज भी गोवो तथा शहरो में इसका प्रचलन जैसा का तमा है । उहपुल्लो 1-13 यह एक प्रकार की मीठी रोटी होती है जिसे गेहू के आटे मे गुड मिलाकर या महुए का रस मिलाकर तैयार किया जाता है । हिन्दी की बोलियो में इसके लिए "पुया" शब्द प्रचलित है। प्रोल्लणी-1-54-चीनी और मसाले से युक्त दही । यह एक प्रिय खाद्य पदार्थ था । कक्वसारो तथा कक्वसो 1-14 - पके हुए चावल मे दही और तरह-तरह के मनाले मिलाकर तैयार किया गया खाद्य पदार्थ इन दोनो नामो से पुकारा जाता था । कम्घायलो तथा करघायलो -2-22 - फटा हुआ दूध या छाछ-आजकल जिमे "छना" भी कहते हैं । इसे सामान्य वर्ग के लोग मीठे के साथ खाया करते हैं। इससे विने विविध मिष्ठान्न ग्राज भी प्रचलित हैं। तोतडी या तंतडी-5-4-कढी यह दही और घाटा दोनो को मिलाकर बनाया जाता है। नमकीन खाद्य पदार्थ है। इनका प्रयोग आज भी ग्रामीण जीवन मे विवाह आदि शुभ माने जाने वाले अवसरो पर होता है। पेंडलो 6-58-यह एक प्रकार का पेय रस होता था। हेमचन्द्र द्वारा दिये गये उदाहरण मे इसका प्रयोग दुग्ध के साथ हुआ है अत. यह पेय मीठा होता रहा होगा। मंडिल्ली 61117-पाटे की बनी 'ई छोटी और गोल रोटी । इस शब्द का प्रयोग सम्भवतः "भौरी" (अवधी) कही जाने वाली तथा कण्डे की अग पर पकायी जाने वाली मोटी गोल तथा ठोटी रोटी से होगा। कंडे की प्राग का उल्लेख भी एक शब्द कोउया 2-48 मे हुआ है। मल्लयं 6-145 - एक प्रकार की गोल रोटी जो मभवत. वडी और मोटी होती रही होगी । ग्रामीण जीवन में आज भी ऐसी रोटी के लिए "मलीदा" शब्द प्रचलित है
SR No.010722
Book TitleDeshi Nammala ka Bhasha Vaignanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivmurti Sharma
PublisherDevnagar Prakashan
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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