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अपने आप में एक संस्था एच० एच० श्री विश्वेश्वरतीर्थ स्वामी
श्री पंजावर मठाधीश, उसीपी प्राचार्यश्री तुलसी अपने आप में एक संस्था है और प्राचीन काल के ऋषियों द्वारा प्रदत्त हमारी सभ्यता के सर्वोत्तम, सर्वश्रेष्ठ तथा अत्यधिक प्रकाशमान पहलुगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आध्यात्मिक श्रेष्ठता की अगम्य गहराइयों में पंट कर मोती निकालने का जो काम वे कर रहे हैं, वह लौकिक मस्तिष्क की पहुंच के परे की बात है।
निराशा से पीड़ित जो विश्व घृणा, अविश्वास तथा छल के कगार पर है, उसमें प्राचार्यश्री तुलसी प्रकाशस्तम्भ हैं। वे सद्भावना एवं पारस्परिक विकास पर आधारित दया और क्षमा के सर्वोत्तम गुणों का प्रसार कर इस समय विद्यमान घोर अन्धकार में सुन्दर मार्ग-दर्शन कर रहे हैं।
उनके अणुवत-मान्दोलन में उन्हीं ऊँचे पादों का समावेग है, जो उनके अपने जीवन में फलीभूत हुए हैं । अतएव मनुष्य के रोगग्रस्त मस्तिष्क में सन्तुलन तथा उसके कार्यों में विवेक लाने के लिए उनसे बहत सहयोग मिलना चाहिए।
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प्रेरणादायक आचार्यत्व श्री एन० लक्ष्मीनारायण शास्त्री, निजी सचिव, जगद्गुरु शंकराचार्य, जगद्गुरु महासंस्थानं, शारदा पीठ, शृंगेरी (मैसूर राज्य)
प्राचार्यश्री तुलसी ने अपना जीवन जन-कल्याण और उनके नैतिक उत्थान के लिए समर्पित कर दिया है। शृंगेरी शारदा पीठ मठ के जगद्गुरु शंकराचार्य महास्वामीजी ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की है कि प्राचार्यश्री तुलसी धवल समारोह समिति ने प्राचार्यश्री तुलसी के प्रेरणा-काल के पच्चीस वर्ष पूरे होने पर समारोह करने तथा तुलसी अभिनन्दन ग्रंथ निकालने का निश्चय किया है।
इस समारोह की सुखद एवं सफलतापूर्ण समाप्ति के लिए जगद्गुरु अपनी शुभकामना भेजते हैं और भगवान् चन्द्रमौलेश्वर तथा श्री शारदम्बा से प्रार्थना करते हैं कि पाचार्यश्री सुलसी दीर्घजीबी होकर दीर्घकाल तक मानव जाति के कल्याणार्थ कार्य करते रहेंगे।