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आचार्यश्री का व्यक्तित्व श्री हरिविनायक पाटस्कर राज्यपाल, मध्यप्रदेश
मुझे, यह जानकर प्रसन्नता हुई कि प्राचार्यश्री तुलसी के प्राचार्यकाल व सार्वजनिक सेवाकाल के पच्चीस वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में उन्हें एक अभिनन्दन ग्रन्थ भेंट कर श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। प्राचार्यजी का व्यक्तित्व तथा दर्शन, साहित्य आदि क्षेत्रों के श्रेष्ठत्व के सम्बन्ध में दो मत नहीं हो सकते। मैं इस महान् प्रयास की सराहना करता हुमा अभिनन्दन ग्रन्थ के लिए हार्दिक शुभ कामनाएं भेजता हूँ।
मणि-कांचन-योग डा. कैलाशनाथ काटजू
मुख्य मंत्री, मध्यप्रदेश मुझे यह जान कर हार्दिक प्रसन्नता हुई कि अणव्रत-आन्दोलन के प्रवर्तक आचार्यश्री तुलसी को उनके सार्वजनिक सेवा के गौरवशाली पच्चीस वर्ष पूरे होने पर अभिनन्दन ग्रन्थ भेंट किया जा रहा है। अभिनन्दन ग्रन्थ वास्तव में हम सबकी उनके प्रति बनी हुई सम्मान-भावना का प्रतीक है। पिछले वर्षों में देश के सभी क्षेत्रो में पैदल भ्रमण कर मापने राष्ट्र के नैतिक एवं चारित्रिक पुनरुत्थान का जो महान कार्य हाथ में लिया है, वह हमारे पूज्य भारतीय सन्तों की उज्ज्वल परम्परा के अनुरूप ही है । इतिहास जानता है कि इस विशाल देश के सभी क्षेत्रों को एकता के पावन सूत्र में बांधने के लिए कितने महापुरुषों तथा सन्तों ने सारे देश का अनेक कठिनाइयों और बाधाओं के बावजूद भी भ्रमण किया है। प्राचार्यश्री तुलसी उसी परम्मपरा की नई कड़ी हैं, जो देश में नैतिक जागरण के लिए अपना सारा जीवन दे रहे हैं । सेवा की पवित्र भावना के साथ प्राचार्यश्री तुलसी में मध्ययन की जो गहराई है, वह मणि में कांचन-योग के समान है । इस अवसर पर मैं कामना करता है कि प्राचार्यश्री तुलसी के सेवामय जीवन की प्रायु बहुत बड़ी हो और उन्हें अपने कार्यों में सफलता प्राप्त हो।