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अध्याय 1 तेजोमय पारशी व्यक्तित्व
[ ४१ ने कहा कि हमको अपने ध्येय पर अटल रहना है और उसका प्रचार करते जाना है। प्राचार्यश्री ने कहा कि शान्ति और पवित्रता के ध्येय पर उनकी भी ऐसी ही श्रद्धा और निष्ठा है। तेजोमय महापुरुषों की अगली पंक्ति में
मुझे सौभाग्य प्रथवा दुर्भाग्य वश अपने जीवन के ७० वर्षों में ऐसे बहुसंख्यक लागों से मिलने का काम पड़ा जो प्रसिद्ध और महान व्यक्ति की ख्याति अजित कर चुके थे । खेद है कि उनमें से बहुत कम लोगों के मुख पर मैंने सत्य और पवित्रता की वह उज्ज्वल ज्योति अपने पूरे तेज के साथ चमकते हुए देखी, जैसी कि एक शुद्ध पाबदार हीरे में चमकती दिखाई देती है। मैं पारदर्शी और तेजोमय महापुरुषों की अगली पंक्ति में प्राचार्यश्री तुलसी का स्थान देखता हूँ।