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जैनहितैषी।
श्रीमत्परमगम्भीरस्याद्वादामोघलाञ्छनम् । जीयात्सर्वज्ञनाथस्य शासनं जिनशासनम् ॥
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१०वाँ भाग] माघ,फा०श्री०वी०नि०सं०२४४०। [४,५ वाँ अं.
..बुकर टी० वाशिंगटन। आफ्रिकाके मूलनिवासियोंकी नीग्रो ( हबशी) नामक एक जाति । है। सत्रहवीं सदीमे इस जातिके लोगोंको गुलाम बनाकर अमेरिकामे वेचनका क्रम आरम हुआ। यह क्रम लगभग दो सदियोंतक जारी रहा। इतने समय तक दासत्वमें रहनेके कारण उन लोगोंकी कैसी अवनति हुढे होगी, उन्हें कैसा भयकर कष्ट सहन करना पड़ा होगा और उनकी स्थिति कैसी निकृष्ट 'हुई होगी, सो सभी अनुमान कर सकते है। इन लोगोके साथ पशुओंसे भी बढ़कर बुरा वर्ताव किया जाता था। वे बुरी तरहसे मारे पीटे जाते थे, कुटुम्बियोंसे जुदा कर दिये जाते . और एक साधारण चीजके समान चाहे जिसके हाथ बेच दिये ति थे।. यह अत्याचार सन् १८६२ तक जारी रहा। आखिर हात्मा लिंकनकी अनुकम्पा और आन्दोलनसे १८६३ के प्रारंभमें नीग्रो जातिके तीस चालीस लाख आदमियोंको स्वाधीनता मिल गई; गोरोंके समान, ये काले लोग, भी मनुष्य, समझे जाने लगे।