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चित्रशाला स्टीम प्रेस, पूना सिटीकी
अनोखी पुस्तकें। चित्रमयजगत्-यह अपने ढंगका अद्वितीय सचित्र मासिकपत्र है। " इलेस्ट्रेटेड लंडन न्यूज" के ढंग पर बड़े साइजमें निकलता है। एक एक पृष्ठमें कई कई चित्र होते हैं। चित्रोंके अनुसार लेख भी विविध विषयके रहते हैं। साल. भरकी १२ कापियोंको एकमें बंधा लेनेसे कोई ४००, ५०० चित्रोंका मनोहर अलवम वन जाता है । जनवरी १९१३ से इसमें विशेष उन्नति की गई है। रंगीन चित्र भी इसमें रहते हैं। आर्टपेपरके संस्करणका वार्षिक मूल्य ५॥) डा. व्य. सहित और एक सख्याका मूल्य ॥) आना है। साधारण कागजका वा० मू० ३॥) और एक सख्याका ।) है।
राजा रविवर्माके प्रसिद्ध चित्र-राजा साहबके चित्र संसारभरमें नाम पा चुके है। उन्हीं चित्रोंको अव हमने सबके सुभीतेके लिये आर्ट पेपरपर पुस्तकाकार प्रकाशित कर,दिया है। इस पुस्तकमें ८८ चित्र मय विवरण. के हैं। राजा साहका सचित्र चरित्र भी है। टाइटल पेज एक प्रसिद्ध रंगीन चित्रसे सुशोभित है। मूल्य है सिर्फ १)रु०॥
चित्रमय जापान-घर बैठे जापानकी सैर । इस पुस्तकमें जापानके सृष्टिसौंदर्य, रीतिरवाज, खानपान, नृत्य, गायनवादन, व्यवसाय, धर्मविषयक और राजकीय, इत्यादि विषयोंके ८४ चित्र, सक्षिप्त विवरण सहित हैं। पुस्तक अन्बल नम्बरके आर्ट पेपरपर छपी है। मूल्य एक रुपया।
सचित्र अक्षरवोध-छोटे २ बच्चोंको वर्णपरिचय कराने में यह पुस्तक. वहत नाम पा चुकी है। अक्षरोंके साथ साथ प्रत्येक अक्षरको बतानेवाली, उसी. अक्षरके आदिवाली वस्तुका रगीन चित्र भी दिया है। पुस्तकका आकार बड़ा है। जिससे चित्र और अक्षर सव सुशोभित देख पड़ते हैं। मूल्य छह आना।
वर्णमालाके रंगीन ताश-ताशोंके खेलके साथ साथ बच्चोंके वर्णपरिचय करानेके लिये हमने ताश निकाले है। सब ताशोंमें अक्षरोंके साथ साथ रगीन चित्र और खेलनेके चिन्ह भी हैं। अवश्य देखिये। फी सेट चार आने ।
सचित्र अक्षरलिपि-यह पुस्तक भी उपर्युक्त "सचित्र अक्षरवोध" के ढंगकी है। इसमें वाराखडी और छोटे छोटे शब्द भी दिये हैं। वस्तुचित्र सब रंगीन हैं। आकार उक्त पुस्तकसे छोटा है। इसीसे इसका मूल्य दो. आने हैं। . .