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प्रतिक्रमण पर जन चिन्तन मोने से पहले तीन चीजों का हिसाब अवश्य कर लेना चाहिए । पहली बात यह मोचो कि आज के दिन मुझ से कोई पाप तो नहीं हुआ है। दूसरी बात यह सोचो कि आज कोई उत्तम कार्य किया है या नहीं ? तीसरी बात यह सोचो कि कोई करने योग्य काम मुझ से छूट गया है या नहीं?
-अफलातून यदि हम यह कहते हैं कि हम में कोई पाप नहीं है तो हम अपने को धोखा देते हैं और सत्य से हाथ धोते हैं।
मिटा दे अपनी गफलत फिर जगा अरबाब गफलत को, उन्हें सोने दे पहले ख्वाब से बेदार तू होजा।
-सीमाव अकबराबादी यदि जग में है ईश्वरता,
तो है मनुष्यता में ही। है धर्म तत्त्व अन्तहित,
मन की पवित्रता में ही।
शठता प्रकट जिससे अपनी सदैव हो,
उचित नहीं है कभी ऐसी हठ ठानना । यदि होगई हो अपने से कभी कोई भूल,
चाहिए तुरन्त हमें वह भूल मानना ।। अहमन्यता है जड़ सारी कमजोरियों की,
बस यह जानना है सब कुछ जानना । जितना कठिन अपने को पहचानना है, रतना नहीं है दूसरों को पहचानना ।।
-~-ठा० गोपालशरण सिह