________________
141 जह (43) जैसे ब। (वध) 7/1 छेत्तूण (छेतूण) सकृ अनि
य (म)=पादपूति वधरणबद्धो [(वधरण)-(बद्ध) भूक 1/1 अनि] दु (म) - पादपूर्ति पावदि (पार) व 3/1 सफ विमोक्खं (विमोक्ख) 2 । तह (अ)=वैसे ही य (अ)= पादपूति जीवो (जीव) 111 सपावदि (मपाव) व 3/1 सक
142 बधारण (वध) 6/2 च (अ)- पादपूर्ति सहाव (महाव) 2/1
वियारिणदु (वियाण) मक अप्परगो (अप्प) 6/। घ (अ)= और वसु (वध) 7/2 जो (ज) 1/1 मवि विरज्जदि (विरज्ज) व 3/1 अक सो (त) ||| मवि फम्मविमोक्खण [(कम्म)(विमोक्वण) |1] कुरणदि (कुरण) व 3/1 सक
143 जीवो (जीव) 111 वधो (बध) 1/1 य (म)=पादपूति तहा
(प्र) = तथा छिज्जति (छिज्जति) व कर्म 312 सक पनि सलक्खणेहि [(स) वि-(लक्खण) 3/2] रिणयदेहि (रिणयद) 3/2 पगाछेदरगएण [(पण्णा)-(छेदण) स्वार्थिक 'म' प्रत्यय 3/1] दु (प्र) =पादपूर्ति छिण्णा (छिण्णा) भूक 1/2 पनि पारणत्तमावण्णा [(पारणत) + (मावण्णा)] गायत्त (णापत्त)
21 प्रावण्णा (पावण्ण) भूक 1/2 प्रनि 144 जीवो (जीव) 1/1 वधो (वष) 111 य (प्र)=पादपूर्ति तहा
(म) = तथा विज्जति (छिज्जति) व कर्म 3/2 सक अनि सलक्खणेहि [(स) वि-(लक्खण) 312] रिणयदेहि (रिणयद)3/2
कभी कभी द्वितीया विभक्ति के स्थान पर सप्तमी विभक्ति का प्रयोग पाया
जाता है (हेम-प्राकृत-व्याकरण 3-135) । 2 कभी कभी सप्तमी विभक्ति का प्रयोग पंचमी विभक्ति के स्थान पर पाया जाता
है (हेम-प्राकृत-ध्याकरण 3-136)।
चयनिका
[ 97