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प्रणामलोच्द्रण [ ( अण्णारण ) - (मल) + [ ( अण्णाण ) - ( मन ) - ( उच्छण) भूकृ 1 / 1 होदि (हो) व 3 / 1 प्रक
1 / 1 श्रनि]
( बाकी के
85 कस्सायमलोच्छण्ण [ ( कस्माय) + (मल) + (उच्टण)] [(कस्साय ) - (मल) – (उच्ण्ण) भूकृ 1 / 1 प्रनि ] चारित (चारित) 1/1 पि ( अ ) = भी (बाकी के लिए देखें 83 )
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86
Cate
सो (त) 1 / 1 सवि सव्वरणारादरिसी [ ( सव्व) वि- (गाण) - ( दरिमि) 1/1 वि ] कम्मरयेण [ ( क्म्म) (ग्य) 3/1] गिएणावच्छृण्णो [(खिएण) + ( प्रव - छण्णो ) ] रिगए (गिम) 3/1 प्रवणो (व छण्ण) 1 / 1 वि ससारसमावो [ (संसार) - ( ममावण्ण) 1 / 1 वि] ग ( ) = नही विजारदि (विजारण) व 3/1 सक सव्वदो (प्र) = पूर्णरूप से सव्व (मन्त्र) 2 / 1 सवि 87 पत्थि (प्र) नही होता है दु (अ) इसलिए श्रासवबंधो [ ( ग्रामव) - (वध) 1/1] सम्मादिट्ठिस्स ( सम्मादिट्ठि) 6/1 आसवणिरोहो [ ( प्रासव ) - ( गिरोह ) ] 1 / 1 संते ( मत) 2/2 वि पुव्वरिणवद्धे [ (पुत्र) वि (विड) भूकृ 2/2 अनि ] जारगदि (जाण) व 3 / 1 सक सो (त) 1 / 1 सवि ते (त) 2/2 सवि श्रवघतो (अवंध) वकृ 1 / 1
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(उच्छृण्ण ) ] खाण (गाण) लिए देखें 83 )
=
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88 भाबो (भाव) 1 / 1 रागादिजुदो [ (राग) + ( श्रादि) + (जुदो ) ] [ (राग) - ( आदि ) - (जुद ) 1/1 वि ] जीवेण (जीव ) 3 / 1 कबो (कद) भूकृ 1 / 1 अनि दु ( अ ) = ही बंधगो ( बंधग) 1 / 1 वि होदि (हो) व 3 / 1 क रागादिविष्पसुक्को [ (राग) + (आदि) + (विप्मुक्को) ] [ (राग) - (भादि ) - (विप्यमुक्क) 1 / 1 वि] अवधगो ( प्रववग) 1/1 वि जागो ( जागग) 1 / 1 वि गवरि ( अ ) = केवल
82 ]
समयसार