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75 एमेव ( अ ) = इसी प्रकार कम्मपयडी [ ( कम्म ) - ( पयडि ) 1 / 1 ] सोलसहाव [ ( मोल ) - (सहाव ) 2 / 1 ] हि (प्र) - निश्चय ही कुच्छिद (कुच्छिद ) 2 / 1 वि गाडु ( रा ) सकृ वज्जति ( वज्ज) व 3/2 तक परिहरति (परिहर) व 3 / 2 सक य 2 / 1 सवि ससरिंग ( ससग्गि) 211 भूकृ 1 / 2 पनि ]
(प्र) = भोर त (त)
सहावरदा [ ( सहाव ) - ( रद)
1
2
तम्हा (प्र) = इमलिग दु (प्र) = तो कुसोलेहि (कुसील) 3 / 2 वि य ( प्र ) = विल्कुल राग (राग) 2 / 1 मा (प्र) = मत काहि (का) विधि 2 / 1 मक व ( अ ) = प्रोर ससरिंग (मसरिग) 2 / 1 साधीणो ( माषीण) 111 वि हि (प्र) = क्योकि विरणासो (विरणास ) 1/1 कुसीलससग्गिरागेण [ ( कुसील) - ( समग्गि ) - (राग) 3 / 1 ]
जह ( 7 ) == जैसे गाम ( प्र ) = निश्चय ही को 2 वि ( क ) 1/1 स पुरिसो ( पुरिस) 1 / 1 कुच्छियसील [ ( कुच्छियसील) 2 / 1 वि जरण ( जरग ) 2 / 1 वियाणित्ता (वियाग) सकृ वज्जेवि ( वज्ज) व 3 / 1 सन तेरण (त) 3 / 1 स समय (प्र) : ) = साथ ससग्ग (ससग्गि) 2/1 रागकरण [ (राग) - (करण) 2 / 1 ] चु (अ) = और
रतो ( रत्त) भूकृ 1 / 1 अनि बधदि (वध) व 3 / 1 सक कम्म (कम्म) 2/1 मुञ्चदि ( मुञ्च) व 3 / 1 सक जीवो (जीव) 1/1 विरागसपण्णी [ ( विराग ) - (सपण्ण) भूकृ 1 / 1 अनि ] एसो ( एत) 1 / 1 सवि जिरगोवदेसो [ ( जिरण) + (उवदेमो) ] [ (जिरण)
- ( उवदेस) 1/1] तम्हा (प्र) = इसलिए कम्मे (कम्म) 7/1 मा (प्र) = | = मत रज्ज (रज्ज) विधि 2/1 अक
-
प्रनिश्चय अर्थ प्रकट करने के लिए 'क' के साथ वि भादि जोड दिये जाते हैं ।
'साथ' के योग में तृतीया होती है ।
चयनिका
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