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-वघे हों । अब नियमित रूप से संघ का निर्वाचन हो गया है और श्री तखत
मलजी अध्यक्ष, श्री रांकाजी उपाध्यक्ष एवं लोढाजी मंत्री चुने गए हैं। ये निर्वाचित पदाधिकारी भविष्य में अधिक उत्साह और शक्ति के साथ कार्य करेंगे, ऐसी आशा है।
यहां के बालकों तथा नवयुवकों ने बहुत उत्साह दिखलाया। इन भाइयों . से मैं अपेक्षा रखता हूँ कि वे शारीरिक श्रम के कार्यों में रुचि लेते रहेंगे तथा - ज्ञान का वल संचित्त करके अपने अन्तरंग-बहिरंग को क्षमतायुक्त बनाएंगे। . इन्हें संसार के उत्तरदायित्वों का निर्वाह करना है और शासन के उत्थान का - भार भी वहन करना है । जीवन भव्य, दिव्य एवं आध्यात्मिक दृष्टि से उच्च __ बनाने की दिशा में प्रयास करना सर्वोपरि कर्तव्य है, इस तथ्य को कभी विस्मृत _ नहीं करना चाहिए। जन साधारण में नैतिक और आध्यात्मिक जागरण - आये विना किसी भी देश की उन्नति लगड़ी है। वह टिकाऊ नहीं होगी।
अतएव राष्ट्रीय उन्नति के दृष्टिकोण से भी धर्म के प्रचारं की अनिवार्य
आवश्यकता है। . . .. सैलाना में २०-३० वर्ष पूर्व से ज्ञानोपासना की रुचि रही है । मैं चाहता
है कि मेरे जाते-जाते आप लोग प्रतिज्ञाबद्ध होकर आश्वासन देंगे कि आप
निरन्तर धर्म की सेवा करेंगे और जीवन को उच्च बनाएंगे। आप ऐसा करेंगे __ तो मुझे अतीव सन्तोष होगा। -
जो कुछ खाया जाता है उसे पचाने से ही शरीर पुष्ट होता है । प्रवचनों द्वारा आपने कुछ शानसंग्रह किया है । उसका उपयोग करने का अब समय है। . ऐसा करने से आपका जीवन सुखमय बनेगा।
- भूमि में वीज पड़ने से और अनुकूल हवा पानी आदि का संयोग मिलने से अंकुर फूट निकलते हैं । भूमि में बीज जब पड़ता है तो भूमि उसे ढंक लेती है। आपके हृदय रूपी खेत में धर्म के बीज डाले गए हैं, सिंचाई भी हो गई है। पवा उन्हें सुरक्षित रखना और फल पका कर खाना आपके हाथ में छोड़ जाते.