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साथ ही रहेगी। यद्यपि दुर्योधन को तात्कालिक लाभ दीख पड़ा, ऐसा प्रतीत हुआ कि वह सम्राट बन गया है और युधिष्टर धर्म की रट लगाते हुए सर्वस्व. गँवा कर जंगलों में भटक रहे हैं; किन्तु अन्तिम परिणाम क्या हुआ ? विजय युधिष्टर की हुई, कीति युधिष्टर को प्राप्त हुई । दुर्योधन के छल-वल ने अन्याय ने उसका और कौरववंश का सर्वनाश कर दिया ।
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भारत अपनी संस्कृति पर सदा अडिग रहेगा | हंस अपनी वृत्ति को नहीं बदलता । वह मानसरोवर में रहता है। वह काक की देखादेखी नहीं करता । काक मानसरोवर के पास यदि पर्वत की चोटी पर बैठ जाय तो भी काक ही रहेगा। कहा है
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'स्वर्णाद्रिशृंगाग्रमधिष्ठितोऽपि काको वराकः खलु काक एवा' सुमेरु के शिखर पर बैठा हुआ काक आखिर काक ही रहता है !
भारत की संस्कृति उच्चकोटि की, उदार और पवित्र है । उसने अपनी संस्कृति और नीति की पवित्रता के कारण कभी किसी पर आक्रमण नहीं किया । उसने विश्व शान्ति और विश्वहित की ही सदा कामना की है। इस नीति को बहुत लोग भारत की दुर्बलता समझते हैं, यह उनका भ्रम है । भारत की आत्मा दुर्बल नहीं है । वह आक्रमणकारी को सदैव करारा उत्तर देता रहा है और जो उससे टकराएगा, कभी सफल नहीं हो पाएगा !
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इसी विश्वास के साथ भारतीय प्रजा को अनैतिकता से बचना चाहिए. और देश के गौरव के प्रतिकूल कोई कार्य नहीं करना चाहिए। अगर भारत की जनता अनैतिकता, अधार्मिकता और स्वार्थपरायणता से ऊपर उठेगी तो निश्चय समझिए कि संसार की कोई भी शक्ति उसे नीचा नहीं दिखा सकती । उसका गौरव सदा प्रक्षुण्ण रहेगा, उसकी प्रतिष्ठा सदा बढ़ती रहेगी और वह संसार को प्रादर्श राष्ट्रीय नीति का उज्ज्वल संदेश देता रहेगा ।
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भारत की एक कमजोरी खाद्यान्न की कमी कही जाती है । यह कमी वास्तव में है या लालची लोगों ने, अधिक मुनाफा कमाने के उद्देश्य से ग्रन्न का